आज हम कंप्यूटर पर आसनी
जो कुछ भी लिखते हैं वो आस्की में ही लिखा होता है. प्रत्येक कंप्यूटर
प्रयोगकर्ता अंकों, अक्षरों तथा संकेतों के लिए बाइनरी सिस्टम पर आधारित
कोड का निर्माण करके कंप्यूटर को परिचालित कर सकता है! लेकिन उसके कोड केवल
उसी के द्वारा प्रोग्रामों और आदेशों के लिए लागू होंगे! इससे कंप्यूटर के
प्रयोगकर्ता परस्पर सूचनाओं का आदान प्रदान तब तक नहीं कर सकते जब तक कि
वे एक -दूसरे द्वारा इस्तेमाल किये हुए कोड संकेतों से परिचित न हों!
सूचनाओं के आदान प्रदान की सुविधा के लिए अमेरिका मे एक मानक कोड तैयार
किया गया है जिसे अब पूर विश्व मे मान्यता प्राप्त है! इसे आस्की (ASCII)
के नाम से जाना जाता है! इसमे प्रत्येक अंक, अक्षरों वा संकेत को 8 बीटो से
दर्शाया गया है! इन 8स्थानों पर केवल 0 और 1 की संख्या ही लिखी गयी है!